Steel and Cement Prices: 16 अगस्त 2024 को भारतीय निर्माण सामग्री बाजार में एक नया मोड़ देखने को मिला। स्टील के दाम में गिरावट आई, जबकि सीमेंट की कीमतें अपनी जगह पर टिकी रहीं। यह बदलाव मुख्यतः चल रहे बरसात के मौसम से जुड़ा हुआ है, जो आम तौर पर निर्माण कार्यों को धीमा कर देता है।
लोहे की कीमतों में कमी:
12 मिमी के टीएमटी सरिये के दाम में 400 रुपये प्रति टन की बड़ी गिरावट दर्ज की गई। स्थानीय बाजारों में लोहे के दाम हर क्विंटल पर 50 से 100 रुपये तक कम हो गए। विभिन्न मोटाई के सरिये के नए दाम इस प्रकार हैं:
– 6 मिमी: 5,920 रुपये प्रति क्विंटल
– 10 मिमी: 5,260 रुपये प्रति क्विंटल
– 12 मिमी: 5,280 रुपये प्रति क्विंटल
– 16 मिमी: 7,810 से 8,050 रुपये प्रति क्विंटल के बीच
शहर-दर-शहर अंतर:
देश के अलग-अलग हिस्सों में 12 मिमी टीएमटी सरिये के दाम में भिन्नता देखी गई:
– अहमदाबाद: 45,400 रुपये प्रति टन
– बेंगलुरु: 46,200 रुपये प्रति टन
– दिल्ली: 45,600 रुपये प्रति टन
– मुंबई: 45,100 रुपये प्रति टन
– कोलकाता: 41,000 रुपये प्रति टन
– चेन्नई: 47,000 रुपये प्रति टन
– जयपुर: 44,200 रुपये प्रति टन
यह ध्यान देना जरूरी है कि स्थानीय मांग और आपूर्ति के हिसाब से कीमतों में थोड़ा बदलाव हो सकता है।
सीमेंट की कीमतों में स्थिरता:
लोहे के विपरीत, सीमेंट के दाम में कोई उतार-चढ़ाव नहीं दिखा। बड़ी सीमेंट कंपनियों ने 50 किलो के ओपीसी और पीपीसी सीमेंट के बोरों की कीमत में कोई फेरबदल नहीं किया।
कारण और प्रभाव:
लोहा व्यापारियों का कहना है कि कीमतों में यह गिरावट मुख्य रूप से बारिश के मौसम की वजह से है। बरसात के दिनों में निर्माण काम धीमा पड़ जाता है, जिससे लोहे की मांग कम हो जाती है। मांग में यह कमी कीमतों को नीचे खींचती है।
आगे की संभावनाएं:
लोहा और सीमेंट का बाजार लगातार बदलता रहता है। कीमतें मौसमी मांग, कच्चे माल की लागत और स्थानीय आर्थिक हालात जैसे कारकों से प्रभावित होती रहेंगी। बारिश के मौसम के आगे बढ़ने के साथ, खासकर लोहे के क्षेत्र में, कीमतों में और उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।
खरीदारों के लिए सलाह:
1. खरीदने से पहले पास के दुकानदारों से नए दामों की जानकारी लें।
2. अलग-अलग विक्रेताओं के दामों की तुलना करें।
3. शहर-दर-शहर कीमतों के अंतर को ध्यान में रखें।
4. बाजार के रुझान पर नजर रखें, क्योंकि दाम जल्दी बदल सकते हैं।
लोहा और सीमेंट बाजार में मौजूदा उतार-चढ़ाव मौसमी प्रभावों और बाजार की गतिशीलता को दर्शाता है। जहां लोहे के दाम गिरे हैं, वहीं सीमेंट की कीमतें स्थिर बनी हुई हैं। खरीदारों और निर्माण उद्योग के लिए यह समय सावधानी से निगरानी रखने और सोच-समझकर खरीदारी करने का है। आने वाले महीनों में, जैसे-जैसे मौसम बदलेगा और आर्थिक गतिविधियां फिर से तेज होंगी, इन कीमतों में और बदलाव देखने को मिल सकते हैं।