Krishi Vipanan Avsanrachana Yojana: भारत सरकार ने किसानों को बेहतर भंडारण सुविधाएं प्रदान करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य कृषि उपज के भंडारण क्षमता में वृद्धि करना और किसानों की आय बढ़ाना है। आइए इन योजनाओं पर एक नजर डालें।
कृषि विपणन अवसंरचना (एएमआई) योजना
केंद्र सरकार ने एकीकृत योजना (आईएसएएम) की एक उप-योजना के रूप में कृषि विपणन अवसंरचना (एएमआई) योजना शुरू की है। इस योजना के प्रमुख बिंदु हैं:
1. उद्देश्य: ग्रामीण क्षेत्रों में गोदामों के निर्माण और नवीनीकरण के लिए सहायता प्रदान करना।
2. लाभार्थी: किसान, उत्पादक समूह, कृषि-उद्यमी, पंजीकृत किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ), सहकारी समितियां और राज्य एजेंसियां।
3. सब्सिडी: परियोजना की पूंजीगत लागत पर 25% से 33.33% तक की सब्सिडी।
4. प्रगति: 1 अप्रैल 2001 से 30 जून 2024 तक 93.99 मिलियन मीट्रिक टन भंडारण क्षमता के साथ 48,512 परियोजनाओं को मंजूरी।
5. वित्तीय सहायता: 4734.73 करोड़ रुपये की सब्सिडी जारी की गई।
कृषि बुनियादी ढांचा कोष (एआईएफ)
जुलाई 2020 में शुरू की गई इस योजना के मुख्य बिंदु हैं:
- ऋण सीमा: 1 लाख करोड़ रुपये तक का ऋण।
- ब्याज सब्सिडी: 3% प्रति वर्ष।
- क्रेडिट गारंटी: 2 करोड़ रुपये तक के ऋण पर।
- प्रगति: 18 जुलाई 2024 तक 11,258 करोड़ रुपये की मंजूरी के साथ 13,353 गोदाम स्थापित।
भंडारण क्षमता का विस्तार
सरकार ने खाद्यान्न भंडारण क्षमता बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं:
1. मौजूदा क्षमता: एफसीआई और राज्य एजेंसियों के पास 837.68 लाख मीट्रिक टन की कवर्ड स्टोरेज क्षमता।
2. वर्तमान स्टॉक: 604.02 लाख मीट्रिक टन।
3. विस्तार योजनाएं:
- निजी उद्यमी गारंटी (पीईजी) योजना
- केंद्रीय क्षेत्र योजना
- पीपीपी मोड
- निजी भंडारण योजना (पीडब्ल्यूएस)
राज्यवार प्रगति
30 जून 2024 तक की राज्यवार प्रगति का एक संक्षिप्त विवरण:
1. सबसे अधिक परियोजनाएं: मध्य प्रदेश (8,324)
2. सबसे अधिक स्वीकृत क्षमता: मध्य प्रदेश (28,484,839 मीट्रिक टन)
3. सबसे अधिक जारी की गई सब्सिडी: गुजरात (35,442.98 लाख रुपये)
शीर्ष 5 राज्य – स्वीकृत भंडारण क्षमता के आधार पर
क्रम संख्या | राज्य | स्वीकृत क्षमता (मीट्रिक टन में) |
---|---|---|
1 | मध्य प्रदेश | 28,484,839 |
2 | गुजरात | 6,599,214 |
3 | महाराष्ट्र | 8,096,142 |
4 | हरियाणा | 7,679,871 |
5 | पंजाब | 7,056,792 |
इस तालिका से पता चलता है कि मध्य प्रदेश में सबसे अधिक भंडारण क्षमता स्वीकृत की गई है, जिसके बाद गुजरात और महाराष्ट्र का स्थान है। यह देश के विभिन्न हिस्सों में भंडारण सुविधाओं के विकास का एक महत्वपूर्ण संकेतक है।
इन योजनाओं का महत्व
1. किसानों की आय में वृद्धि: बेहतर भंडारण सुविधाओं से किसान अपनी उपज को लंबे समय तक सुरक्षित रख सकते हैं और बाजार की स्थिति के अनुसार बेच सकते हैं।
2. खाद्य सुरक्षा: देश की खाद्य सुरक्षा को मजबूत करने में मदद मिलती है।
3. मूल्य स्थिरता: फसलों के भंडारण से बाजार में मूल्य स्थिरता आती है।
4. ग्रामीण रोजगार: गोदामों के निर्माण और संचालन से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़ते हैं।
चुनौतियां और समाधान
1. जागरूकता की कमी: किसानों को इन योजनाओं के बारे में अधिक जानकारी देने की आवश्यकता है।
2. प्रक्रिया की जटिलता: आवेदन प्रक्रिया को सरल बनाया जाना चाहिए।
3. वित्तीय साक्षरता: किसानों को वित्तीय प्रबंधन के बारे में शिक्षित करना महत्वपूर्ण है।
4. तकनीकी सहायता: आधुनिक भंडारण तकनीकों के उपयोग में किसानों को प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए।
भारत सरकार की ये योजनाएं किसानों के लिए बेहतर भंडारण सुविधाएं प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं। इनसे न केवल किसानों की आय बढ़ेगी, बल्कि देश की खाद्य सुरक्षा भी मजबूत होगी। हालांकि, इन योजनाओं की सफलता के लिए किसानों की भागीदारी और जागरूकता बढ़ाना आवश्यक है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
प्रश्न 1: एएमआई योजना के तहत कौन आवेदन कर सकता है?
उत्तर: किसान, उत्पादक समूह, कृषि-उद्यमी, पंजीकृत किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ), सहकारी समितियां और राज्य एजेंसियां आवेदन कर सकते हैं।
प्रश्न 2: कृषि बुनियादी ढांचा कोष (एआईएफ) के तहत कितना ऋण मिल सकता है?
उत्तर: इस योजना के तहत 1 लाख करोड़ रुपये तक का ऋण प्राप्त किया जा सकता है।
प्रश्न 3: भंडारण सुविधाओं के लिए सब्सिडी की दर क्या है?
उत्तर: एएमआई योजना के तहत परियोजना की पूंजीगत लागत पर 25% से 33.33% तक की सब्सिडी दी जाती है।
प्रश्न 4: वर्तमान में देश में कितनी कवर्ड स्टोरेज क्षमता उपलब्ध है?
उत्तर: एफसीआई और राज्य एजेंसियों के पास 837.68 लाख मीट्रिक टन की कवर्ड स्टोरेज क्षमता उपलब्ध है।
प्रश्न 5: किस राज्य में सबसे अधिक भंडारण परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं?
उत्तर: मध्य प्रदेश में सबसे अधिक 8,324 परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं।