Jan Poshan Kendra: केंद्र सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए उचित मूल्य की राशन दुकानों को जन पोषण केंद्रों में बदलने का फैसला किया है। केंद्रीय खाद्य एवं प्रसंस्करण मंत्री प्रहलाद जोशी ने इस पायलट प्रोजेक्ट की शुरुआत की है, जिसके तहत राजस्थान, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश और गुजरात में 60 से अधिक राशन दुकानों को जन पोषण केंद्रों में परिवर्तित किया जाएगा।
लाभार्थियों के लिए बड़ी खुशखबरी
यह योजना राशन कार्डधारियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। अब उन्हें गेहूं और चावल के अलावा बाजरा और दूध जैसे पौष्टिक खाद्य पदार्थ भी राशन दुकानों पर उपलब्ध होंगे। इससे न केवल लोगों को पोषण युक्त आहार मिलेगा, बल्कि उन्हें कम कीमत पर विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ प्राप्त करने में भी मदद मिलेगी।
दुकानदारों के लिए नए अवसर
इस योजना का लाभ राशन दुकान संचालकों को भी मिलेगा। वर्तमान में, अधिकांश राशन दुकानें महीने में केवल कुछ दिनों के लिए ही खुलती हैं। जन पोषण केंद्रों के रूप में, ये दुकानें अधिक दिनों तक खुली रहेंगी, जिससे दुकानदारों की आय में वृद्धि होगी। साथ ही, सरकार दुकानदारों को ऋण सुविधा भी प्रदान करेगी, ताकि वे अपनी दुकानों में अधिक प्रकार के खाद्य पदार्थ रख सकें।
व्यापक प्रभाव
भारत में लगभग 5.38 लाख उचित मूल्य की राशन दुकानें हैं, जो करोड़ों लोगों को खाद्य सामग्री वितरित करती हैं। पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के बाद, सरकार का लक्ष्य इन सभी दुकानों को जन पोषण केंद्रों में बदलना है। यह कदम न केवल राशन वितरण प्रणाली को मजबूत करेगा, बल्कि ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में पोषण स्तर में सुधार लाने में भी मदद करेगा।
भविष्य की योजना
यद्यपि यह योजना अभी कुछ चुनिंदा राज्यों में ही शुरू की गई है, लेकिन सरकार का दृष्टिकोण इसे पूरे देश में लागू करने का है। इससे न केवल खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि राशन दुकान संचालकों के लिए आजीविका के बेहतर अवसर भी सृजित होंगे।
जन पोषण केंद्र योजना एक महत्वाकांक्षी पहल है जो राशन वितरण प्रणाली में आमूल-चूल परिवर्तन लाने की क्षमता रखती है। यह न केवल लाभार्थियों को पौष्टिक आहार उपलब्ध कराएगी, बल्कि राशन दुकान संचालकों की आर्थिक स्थिति में भी सुधार लाएगी। यदि सफलतापूर्वक कार्यान्वित की जाती है, तो यह योजना भारत के खाद्य वितरण और पोषण सुरक्षा के क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित हो सकती है।