देश के बड़े सरकारी बैंक ने दिया करोड़ों ग्राहकों को झटका- महंगा किया लोन

केनरा बैंक, जो भारत के प्रमुख सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में से एक है, ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। बैंक ने अपनी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) में बढ़ोतरी करने का फैसला लिया है। यह निर्णय बैंक के ग्राहकों के लिए एक बड़ा झटका साबित हो सकता है।

MCLR क्या है और इसका महत्व

MCLR का पूरा नाम मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड बेस्ड लेंडिंग रेट है। यह वह न्यूनतम दर है जिससे कम पर बैंक ऋण नहीं दे सकते। भारतीय रिजर्व बैंक ने 1 अप्रैल 2016 को ऋण की ब्याज दरें निर्धारित करने के लिए MCLR प्रणाली लागू की थी। इसका उद्देश्य बैंकिंग क्षेत्र में पारदर्शिता बढ़ाना और ग्राहकों को उचित दरों पर ऋण उपलब्ध कराना था।

MCLR में वृद्धि का विवरण

केनरा बैंक ने सभी अवधियों के लिए MCLR में 0.05 प्रतिशत की वृद्धि की है। यह नई दरें शुक्रवार से प्रभावी हो जाएंगी। इस बढ़ोतरी के बाद, विभिन्न अवधियों के लिए MCLR निम्नानुसार हो गई है:

  • ओवरनाइट MCLR: 8.15% से बढ़कर 8.20%
  • 1 महीने की MCLR: 8.25% से बढ़कर 8.30%
  • 3 महीने की MCLR: 8.35% से बढ़कर 8.40%
  • 6 महीने की MCLR: 8.70% से बढ़कर 8.75%
  • 1 साल की MCLR: 8.90% से बढ़कर 8.95%

ग्राहकों पर असर

MCLR में यह वृद्धि केनरा बैंक के ग्राहकों के लिए महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती है। नए ऋण लेने वाले ग्राहकों को अब थोड़ा अधिक ब्याज देना पड़ेगा। साथ ही, जिन मौजूदा ऋणों की ब्याज दरें MCLR से जुड़ी हुई हैं, उनकी किस्तें भी बढ़ सकती हैं। यह वृद्धि गृह ऋण, वाहन ऋण, और व्यक्तिगत ऋण जैसे विभिन्न प्रकार के ऋणों को प्रभावित कर सकती है।

बैंक के शेयर का प्रदर्शन

इस घोषणा के बाद, केनरा बैंक के शेयर की कीमत में मामूली गिरावट देखी गई। गुरुवार को बैंक का शेयर 0.49 प्रतिशत की गिरावट के साथ 114.20 रुपये पर बंद हुआ। हालांकि, लंबी अवधि में बैंक के शेयर का प्रदर्शन अच्छा रहा है। पिछले एक वर्ष में इसमें 71.83 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। शेयर का 52 सप्ताह का उच्चतम स्तर 128.90 रुपये रहा है।

केनरा बैंक द्वारा MCLR में की गई यह वृद्धि बैंकिंग क्षेत्र में बदलते परिदृश्य को दर्शाती है। यह कदम बैंक की वित्तीय स्थिति को मजबूत करने में मदद कर सकता है, लेकिन साथ ही यह ग्राहकों के लिए ऋण की लागत को बढ़ा सकता है। ग्राहकों को अपने वित्तीय निर्णय लेते समय इन नई दरों को ध्यान में रखना चाहिए। यह समय ऐसा है जब लोगों को अपने खर्चों और बचत पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।

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